आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि हॉस्पिटल में वार्ड बॉय का काम क्या होता है, उनकी जिम्मेदारियां क्या होती हैं और आप कैसे इस नौकरी को पा सकते हैं। अगर आप वार्ड बॉय बनने की सोच रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत मददगार होगी।
वार्ड बॉय क्या होता है?
वार्ड बॉय अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लिनिक या हेल्थ सेंटर में काम करने वाला ऐसा व्यक्ति होता है जो नॉन-मेडिकल कामों में डॉक्टर, नर्स और मरीजों की मदद करता है। यह हॉस्पिटल की हाउसकीपिंग, मरीजों को व्हीलचेयर पर ले जाना, साफ-सफाई, बिस्तर बदलना और मरीजों को खाना देने जैसे काम करता है।
वार्ड बॉय बनने के लिए जरूरी योग्यताएं
वार्ड बॉय बनने के लिए बहुत ज्यादा पढ़ाई की जरूरत नहीं होती, लेकिन कुछ बातें आपके अंदर होनी चाहिए –
- शारीरिक शक्ति: आपको भारी सामान उठाने, मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाने और लंबे समय तक खड़े रहने में सक्षम होना चाहिए।
- धैर्य और सहानुभूति: मरीजों की सेवा करने के लिए धैर्य, दयालुता और समझ जरूरी है।
- कम्युनिकेशन स्किल: मरीजों और उनके परिवार से सही तरीके से बात करना आना चाहिए।
- टीमवर्क: डॉक्टर और नर्स के निर्देशों का पालन करना और टीम में काम करना आना चाहिए।
- साफ-सफाई का ध्यान: हॉस्पिटल में सफाई बहुत जरूरी होती है, इसलिए हाइजीन का खास ध्यान रखना चाहिए।
पढ़ाई और ट्रेनिंग
- इस नौकरी के लिए हाई स्कूल (10th पास) होना अच्छा रहता है।
- अधिकतर जगहों पर आपको जॉइन करने के बाद ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग दी जाती है।
- कई हॉस्पिटल्स में फर्स्ट एड, CPR (Cardio Pulmonary Resuscitation) जैसे छोटे कोर्स या सर्टिफिकेट मांगे जा सकते हैं।
- कुछ हॉस्पिटल इंटर्नशिप भी ऑफर करते हैं जिससे अनुभव मिल सकता है।
वार्ड बॉय के मुख्य काम
- मरीजों को स्ट्रेचर या व्हीलचेयर पर ले जाना।
- बिस्तर और कमरे की साफ-सफाई करना।
- गंदे कपड़ों को धुलवाना और साफ चादर देना।
- मरीजों को समय पर खाना और दवा देना।
- मरीज को डिस्चार्ज के समय वेटिंग एरिया तक छोड़ना।
- इमरजेंसी में मरीजों को कंट्रोल और सुरक्षित रखना।
- मुर्दाघर तक मृत मरीजों को ले जाना।
- अस्पताल में नॉन-मेडिकल सामान की सप्लाई में मदद करना।
काम करने का समय
वार्ड बॉय आमतौर पर रोटेशनल शिफ्ट में काम करते हैं। कभी दिन की शिफ्ट, कभी रात की शिफ्ट। काम का समय लंबा हो सकता है लेकिन यह नौकरी बहुत जरूरी और जिम्मेदारी भरी होती है।
सैलरी
भारत में वार्ड बॉय की औसत सैलरी 10,000 से 15,000 रुपये प्रति माह तक होती है। सरकारी अस्पतालों में सैलरी और भी ज्यादा हो सकती है। अनुभव बढ़ने पर सैलरी में इजाफा होता है।
जॉब पाने के तरीके
- अपना रिज़्यूमे तैयार करें और नजदीकी हॉस्पिटल, क्लिनिक, नर्सिंग होम में अप्लाई करें।
- ऑनलाइन जॉब पोर्टल (Naukri.com, Indeed, Apna App आदि) पर रजिस्टर करें।
- सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती के नोटिफिकेशन पर नजर रखें।
- अगर संभव हो तो किसी अस्पताल में इंटर्नशिप करें, इससे जॉब मिलने की संभावना बढ़ती है।
इस काम में जरूरी गुण
- तनाव को संभालने की क्षमता (Stress Management)
- मरीजों और उनके परिवार के प्रति सहानुभूति
- समय पर काम करना और अनुशासित रहना
- हॉस्पिटल के नियमों का पालन करना
इन्हे भी पढ़ें :
निष्कर्ष
वार्ड बॉय की नौकरी आसान नहीं है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण और सम्मानजनक काम है। अगर आप दूसरों की मदद करने का जुनून रखते हैं और अस्पताल में काम करने के लिए तैयार हैं, तो यह आपके लिए अच्छा करियर विकल्प हो सकता है। हाई स्कूल पास करके, बेसिक ट्रेनिंग लेकर और अनुभव हासिल करके आप आसानी से यह नौकरी पा सकते हैं।
FAQ – हॉस्पिटल में वार्ड बॉय से जुड़े सवाल
Q1: वार्ड बॉय बनने के लिए कितनी पढ़ाई जरूरी है?
वार्ड बॉय बनने के लिए न्यूनतम 10वीं पास होना अच्छा माना जाता है। कई जगह 8वीं पास भी नौकरी मिल सकती है, लेकिन हाई स्कूल तक की पढ़ाई से जॉब पाना आसान हो जाता है।
Q2: वार्ड बॉय की सैलरी कितनी होती है?
भारत में वार्ड बॉय की औसत सैलरी 10,000 से 15,000 रुपये प्रति माह होती है। सरकारी अस्पतालों में यह ज्यादा हो सकती है और अनुभव बढ़ने पर वेतन भी बढ़ता है।
Q3: वार्ड बॉय का काम क्या होता है?
मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाना, बिस्तर बदलना, साफ-सफाई करना, खाना पहुंचाना, नर्स और डॉक्टर की मदद करना, गंदे कपड़े धुलवाना और डिस्चार्ज मरीज को बाहर छोड़ना।
Q4: क्या वार्ड बॉय बनने के लिए ट्रेनिंग जरूरी है?
हाँ, अधिकतर अस्पताल नए वार्ड बॉय को 1 महीने की ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग देते हैं। इसमें उन्हें मरीजों की देखभाल, हॉस्पिटल सेफ्टी और फर्स्ट एड जैसी बातें सिखाई जाती हैं।
Q5: वार्ड बॉय की जॉब कहां मिल सकती है?
आपको सरकारी अस्पताल, प्राइवेट हॉस्पिटल, क्लिनिक, नर्सिंग होम और हेल्थ सेंटर में वार्ड बॉय की नौकरी मिल सकती है।